उम्मीद
दोस्तों, एक बार सूर्यास्त होते समय सूर्य ने लोगों से पूछा - "कि मेरी अनुपस्थिति में मेरा काम कौन करेगा ?" सभी चुप रहे हैं...। तभी एक दीयें ने कहा- " मैं कोशिश कर सकता हूं।
इसी के साथ एक कहानी लेकर आया हूं-:
एक चंदन नाम का लड़का था । वह शहर में रहता था। उसके माता-पिता बचपन में ही चल बसे थे। वह लड़का शहर के एक कमरे में इंडिपेंडेंट अपनी जिंदगी बिता रहा था। उस लड़के को लोगों से ज्यादा मिलना जुलना पसंद नहीं था। वह दिन भर रूम में रहता किताबें पढ़ता, खाना बनाता और खा कर सो जाता। 1 दिन बहुत ज्यादा मूसलाधार वर्षा हुई । मूसलाधार वर्षा होने के कारण कहीं शायद खम्भे का तार गिर गया था, जिसके चलते 4 दिन तक बिजली नहीं आई थी।
उस वक्त लड़के के पास चार कैंडल थे। वह उसी को जलाकर पढ़ने लगा। कुछ देर पढ़ने के बाद लड़का कुछ सामान खरीदने बाहर गया और कैंडल को उसी तरह जलते छोड़ दिया।
चारों कैंडल आपस में बात करने लगे:-
पहले कैंडल ने कहा- "अब दुनिया में शांति रही ही नहीं ! हर जगह लूटपाट ,धोखाधड़ी ,खून-खराबा जैसे काम हो रहे हैं । हर जगह अशांति है । और मैं शांति का प्रतीक हूं। इसलिए मेरा बुझ जाना ही ठीक है। इस तरह कहते हुए पहला कैंडल बुझ गया।
दूसरे कैंडल ने कहा- "मैं प्रेम का प्रतीक हूं। अब दुनिया में पहले जैसा प्रेम रहा ही नहीं ! हर जगह प्रेम के नाम पर लड़के या लड़कियाॅं एक दूसरे के साथ दुष्कर्म कर रहे हैं। इसलिए मेरा जला रहना भी ठीक नहीं है। इस तरह कहते हुए दूसरे कैंडल ने भी अपने आप को बुझा दिया।
तीसरे कैंडल ने कहा-" मैं तो विश्वास का प्रतीक हूं। अब इस दुनिया में एक दूसरे के प्रति विश्वास रहा ही नहीं। अब मेरा भी बुझ जाना ठीक रहेगा । इस तरह कहते हुए तीसरा कैंडल ने भी अपने आप को बुझा दिया।
लेकिन चौथा कैंडल खुद को नहीं बुझाया और जलता रहा।
जब वह लड़का सामान लेकर वापस आया तो देखा कि सारे कैंडल बुझ चुके हैं , सिवाय एक को छोड़कर। लड़का परेशान हो गया और कहने लगा - "अब मैं कैसे अपनी पढ़ाई करूंगा । तुम्हीं तो एक मेरा सहारा थे, पढ़ने का। लड़का उदास होकर कुर्सी पर बैठ गया। तभी चौथे कैंडल ने कहा- "तुम निराश क्यों होते हो? मैं हूं ना ! मैं आशा का प्रतीक हूं। जब सारे बुझ गए हैं तो क्या हुआ....! मैं अभी जल रहा हूं ना! तुम मेरी मदद से इन तीनों कैंडल को पुनः जला सकते हो और तुम अपने जीवन में पुन: उजाला ला सकते हो। लड़का ने वही किया। और वह उसकी मदद से तीनों कैंडल को जला दिया और वह फिर से पड़ने लगा।
दोस्तों कहानी बहुत छोटी है पर कहानी का सार बहुत बड़ा है। जब भी आपके जीवन में प्रेम, शांति, विश्वास आदि खत्म हो जाए तो आप एक बात स्मरण रखिएगा की आप उम्मीद, आशा को कभी भी खत्म नहीं होने दीजिए । क्योंकि उम्मीद और आशा ही एक ऐसी चीज है जो मनुष्य के जीवन में पुनः प्रकाश ला देती हैं। ं
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2-पढ़िए अजय कुमार की लिखी हुई छोटी सी कहानी बस की लड़की