किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है कि दिमाग को या तो आप कंट्रोल करें या फिर यह आपको कंट्रोल करेगा। सब कुछ आप पर डिपेंडेएंट है।
नमस्कार दोस्तों... आज पुनः एक नई कहानी लेकर प्रस्तुत हूं ...उम्मीद करता हूं कि आपको कहानी पसंद आएगी।
ये एक लड़के की कहानी है जो यूरोप में एक छोटे से घर में रहता था और वो जहां रहता था वह किराए का घर था। गांव से शहर में आकर... कॉलेज में पढ़ाई करता था। और वह जिस मकान में रहता था, वहां की मकान मालकिन एक बूढ़ी अम्मा थी। वह बूढ़ी अम्मा चीजें लेकर लोगों को पैसे दिया करती थी। लोग उसके यहां चीजें को गिरवी रखते थे।
और वह लड़का देखा करता था कि गरीब लोग बूढ़ी अम्मा के पास आते थे , सामान गिरवी रखते थे और अम्मा उन्हें पैसे देती थी।
लेकिन जब ये लोग वापस पैसे नहीं चुका पाते थे तो अम्मा उन्हें और लूटने लगती ।उन्हें और प्रताड़ित करने लगती
है।गरीब लोग और परेशान होने लगते ।
वे लोग कहते थे कि हमें माफ कर दो ।लेकिन बूढ़ी अम्मा कर्जा बढ़ाती चली जाती थी।
यह लड़का जब भी बूढ़ी अम्मा को देखता था.... अपने मकान मालकिन को देखता था तो उसे बहुत गुस्सा आता था। वह सोचता था कि "क्या औरत है! क्या कर रही है... गरीब लोगों के साथ में ऐसा कर रही है..! माफ क्यों नहीं कर देती इनका कर्जा..."।
यह सब देखकर लड़का परेशान हो रहा होता है और सोच रहा होता है कि जाकर इसका गला दबा दूॅं।
एक दिन उस लड़के के घर से पैसे आना बंद हो गया। मां -बाप से बात भी नहीं हो पा रहा था..."कि क्या बात है"..!
फिर एक दिन एक चिट्ठी आई और उसमें लिखा था कि मेरी तबीयत खराब है इसलिए पैसे नहीं भेज पा रहे हैं।
ये लड़का वापस घर जाना था चाहता था लेकिन इसके पास भी पैसे खत्म हो गए थे। लड़के को मजबूरन अपने मकान मालकिन के पास जाना पड़ा.... उस बूढ़ी अम्मा के पास जाना पड़ा।
लड़की ने सोचा कि "क्या ?मैं इसको गिरवी रखने का सामान दो.."। तो उसे, लड़के ने अपनी घड़ी दे दी।
शाम का समय था। वह बूढ़ी अम्मा अपने हाल में बैठी हुई थी। उसने जा करके अपनी घड़ी दे दी और कहा-" कि मुझे पैसे चाहिए"।
वो जो बूढ़ी अम्मा थी... गई अपने हाल के खिड़की के पास....जहां से थोड़ी रोशनी आ रही थी..... वहां जाकर उस घड़ी को देखने लगी और सोचने लगी कि यह जो घड़ी है उसकी कोई कीमत है भी या नहीं । और इसके हिसाब से मैं इसे कितने पैसे दे दूं।
वह बूढ़ी अम्मा यह सब सोच ही रही होती है कि यह लड़का अपने सीट से उठता है और जाकर के सीधा अपने हाथों को उसके गले पर रख देता है और बहुत जोर से दबात चला जाता है....। लड़का गले को इतना जोर से दबाता है कि नाक से खून बहने लगता है और वह बूढ़ी अम्मा वही मर जाती है।
और जैसे ही वह खून उनके उंगलियों में पढ़ता है, वह चौक जाता है। और बहुत ज्यादा डर जाता है ।वह तुरंत उस बूढ़ी अम्मा को छोड़ता है और कहने लगता है-" मैंने नहीं मारा.... मैंने नहीं मारा.."!
पुलिस लड़के को पकड़ कर के ले जा रही थी और वह बार-बार कह रहा था कि- "मैंने नहीं मारा...! मैं कैसे मार सकता हूं ..मैं तो इसके यहां पैसे लेने आया था"!
#सच तो यह है कि उसने उसे नहीं मारा यह ।ये जो दो साल से उसके दिमाग में जो विचार चल रहे थे... वह जो देख रहा था और सोच रहा था कि मैं उसका गला दबा दूं। उस विचार ने उस बूढ़ी अम्मा को मारा ।क्योंकि जैसे ही वो वहां गया ,उसके दिमाग ने ऑटोमेटेकली इस तरीके से डायरेक्ट किया कि जा ......जा करके उसका गला दबा दो।