दो भाई की कहानी
दोस्तों, किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है-" अगर औलाद काबिल हो तो बाप की संपत्ति पर इंट.रेस्ट नहीं दिखाता और अगर औलाद नकारा हो तो बाप कितना भी कमा ले औलाद के लिए कम ही पड़ता है।
दोस्तों इसी के साथ एक कहानी लेकर आया हूं-:
किसी गांव में एक रामसिंह नाम का सेठ रहता था। उसके घर में संपत्ति का कोई अभाव नहीं था भगवान की कृपा से उनके पास सब कुछ था। रामसिंह दिनों दिन बूढ़ा होता जा रहा था। उसे एक बात की हमेशा चिंता सताती थी कि मेरे मरने के बाद मेरे संपत्ति को कौन संभालेगा । ऐसा नहीं था कि उनका कोई बेटा नहीं था, था...! उसके दो बेटे थे । पहला का नाम राजेश था और दूसरा का नाम कमलेश। राजेश 2 साल बड़ा था कमलेश से । बड़ा होने के नाते राजेश हमेशा अपने छोटे भाई कमलेश को डांटता रहता । क्योंकि राजेश हमेशा कमलेश से जलता था।
एक दिन दोनों भाइयों के बीच लड़ाई हो गई । दोनों एक दूसरे को मारने की धमकी देने लगे। पिताजी ने दोनों भाइयों को लड़ाई करते देख लिया और कहने लगे- "मैं तो बुढ़ा होने चला। अगर तुम लोग आपस में इसी तरह लड़ते रहोगे तो इस कारोबार को कौन संभालेगा ? रामसिंह क्रोधित में कहते हुए चुप हो गए।
कुछ साल बाद राम सिंह की मृत्यु हो गई। उसके बाद दोनों भाई एक-दो साल साथ रहे और फिर दोनों भाइयों ने आपस में ही संपत्ति का बंटवारा कर लिया। बड़े भाई को संपत्ति मिलते ही वह अपनी संपत्ति को बेच कर शहर चला गया और छोटा भाई वहीं गांव में रहकर अपने पिता के कारोबार को बढ़ाने लगा। कुछ साल में राजेश ने अपनी पूरी संपत्ति एक जूहे में हार गया। और वहीं उसका छोटा भाई अपनी संपत्ति को बढ़ाता रहा।
एक दिन कमलेश व्यापार के काम को लेकर शहर आया हुआ था। काम खत्म होने के बाद वह शहर से वापस गांव जा ही रहा था, तभी उन्होंने देखा कि मेरा छोटा भाई एक मील दुकान में काम कर रहा है। कमलेश ने तुरंत गाड़ी रोकी और उनके पास गया।
कमलेश ने नमी आवाज में कहा - "भाई आप यहाॅं?"
छोटे भाई को देखकर राजेश बहुत खुश हो गया और कहा- " अरे राजेश तुम! इधर कैसे।"
कमलेश ने बात काटते हुए तुरंत कहा- " पहले आप बताइए ,यहाॅं पर आप क्या कर रहे हैं?
राजेश ने अपनी पूरी बात बताई और कहा कि मैं अपना सारा संपत्ति जुहा में हार गया। अब मेरे पास रहने को न ही घर है और ना ही खाना खाने का पैसा । इसलिए मजबूरन मुझे यह काम करना पड़ रहा है।
छोटे भाई ने आश्चर्य से कहा -"क्या ? उसके बाद शांत होते हुए कहा- आप चिंता मत कीजिए । आप मेरे साथ चलिए ,आप मेरे घर में रहेंगे।
उसके बाद राजेश अपने भाई के साथ पुन: गांव लौट आया और फिर उन्हीं के साथ रहने लगा।
दोस्तों कहानी बहुत छोटी है पर इसका सार बहुत बड़ा है। अक्सर लोगों के पास संपत्ति होते हुए भी वे अपने खुद के लापरवाही से अक्सर सारी संपत्ति को एक जूहे में हार जाते हैं। उसके बाद वो अपने परिजनों को कोसते रहते हैं।