मेरी शादी
मैं स्वेता ! जब मैं 5 साल की थी तभी मेरी मां और पिताजी का बचपन में ही उनका देहांत हो गया। उसके बाद मेरे बड़े भाई के अलावा इस दुनिया में मेरा कोई नहीं बचा था। भाई ने ही मेरी देखभाल की । स्कूल से लेकर ,अच्छे कॉलेज में पढ़ाने तक। जब मैं 10 साल की थी तभी भाई ने घर को अच्छी तरह से चलाने के लिए रीता नाम की लड़की से शादी कर ली। रीता भाभी कहां से थी पता नहीं ? मैंने कई बार पूछा भाभी से- " आपके परिवार में कौन-कौन है ?, आप किस गांव की है? लेकिन भाभी कुछ जवाब नहीं देती । कभी-कभी तो भाई के सामने ही पूछ लेता पर भाई मेरे बातों को टाल देते।
हालांकि भाई की तरह भाभी भी मुझसे बहुत प्रेम करती थी। वह मुझे अपनी बेटी की तरह मानते थे । हम लोगों का यह तीन सपरिवार बहुत खुश थे।
इसी तरह हमारा दिनचर्या बीत रही थी।...
कुछ साल बाद.....
हमारे घर में रिश्ते आने लगे। क्योंकि मेरी शादी की उम्र हो चुकी थी। मोहल्ले वाले भी लोग कहने लगे थे- " बिन मां और बाप की बेटी है , ब्याह कब करोगे ? पर भाई को इस बात से कभी फर्क नहीं पड़ा। पर मेरी भाभी को इस बात से हमेशा फर्क पड़ता था। क्योंकि वह जानती थी कि लड़की का ज्यादा उम्र हो जाने पर लड़के मिलना भी मुश्किल होते हैं।
ऐसा नहीं था कि मैं शादी करना नहीं चाहता था? चाहता था ! पर कोई ठीक लड़का मिले तब ना।
एक दिन मेरे घर में एक रिश्ता है। उस वक्त मैं कॉलेज में थी । भाई ने मेरे फोन पर कॉल किया और कहा- " स्वेता तुरंत घर आ जाओ। मैं यह भी नहीं पूछ पाया , क्यों भाई ?और फिर तुरंत फोन काट दिया।
मैं कॉलेज से निकला और तुरंत घर पहुंचा। वहां पहुंचते ही देखा कि सारे रिश्तेदार सौफे में बैठकर चाय और बिस्कुट खा रहे हैं। भाभी ने मुझे कमरे में ले गया और कहा- " जल्दी तैयार हो जाओ।रिश्तेदार आए हैं, तुम्हें देखने। भाभी ने अपनी अलमारी से एक अच्छी साड़ी निकाली और मुझे तुरंत पहनाकर सज-सवारकर रिश्तेदार के सामने ले गए। मैं मुंडी झुकाए वहीं खड़ी थी। सभी ने मुझे देखा और कुछ प्रश्न पूछे और चले गए।
रिश्तेदार जाने के बाद में वही सोफे में बैठ गई और बचे बिस्कुट और मिक्सर को मजे से खाने लगी। अगले दिन भाई ने पूछा रिश्ता पक्का कर दो स्वेता ? मैं क्या कहता ? मैं चुपचाप रहा। शायद भाई समझ गए कि मेरी हाॅं है। भाई ने रिश्ता पक्का कर दिया । दो महीने के बाद मेरी शादी हो गई और मैं ससुराल चली गई । और अब ससुराल ही मेरा घर हैं।