"किसी ने बड़े ही कमाल के बात कही है कि बार-बार मिल रही हार से निराश.. होने से पहले , बस ये याद रखना कि कभी-कभी वे गुच्छे में लगी आखिरी चाभी भी ताला खोल देती है"।
नमस्कार दोस्तों... आज पुनः एक नई कहानी लेकर आया हूं। उम्मीद करता हूं कि यह कहानी आपके जीवन में कुछ प्रभाव छोड़कर जाएगी।
यह कहानी है एक लड़के की। जिसका नौकरी लग चुका था। उससे पहले उसने एक बड़े बिजनेसमैन के यहां इंटर्नशिप किया। एक बड़े बिजनेसमैन थे... बुजुर्ग थे.... और बुद्धिमान भी थे। उनसे काफी कुछ सीखा । उसके बाद उसे जॉब मिल गई। जब वह जॉब के लिए जा रहा था तो वो उससे कहकर जा रहा था कि "आप मुझे लगातार गाइड करते रहना.. क्योंकि आपने मुझे बहुत कुछ सिखाया है। आप की सिखाई हुई बातें मुझे नई जॉब में जाकर इंप्लीमेंट करनी है"।
उसने कहा-" ठीक है! टेंशन मत लो.... कोई बात नहीं"।
लड़का उधर जाकर नौकरी करने लगा। वह अपने मेंटर को भूल गया...। उसे लगा कि अब उससे क्या मतलब है ......!नौकरी तो चल ही रही है बढ़िया....।
उधर वह जो बिजनेसमैन थे वह अपने बिजनेस से रिटायरमेंट ले लिये। वह अपने बच्चों को बिजनेस सौंप दिया और घर पर ही रह कर अपना गार्डनिंग करने लगे.....उनकी जो हाॅंबी थी.... उनको करने लगे..!
ये जो लड़का था, जिसका जॉब लग चुका था । वह दो साल तक , ढाई साल तक... बड़ी मेहनत से ... ईमानदारी से... काम करता रहा ।जो- जो मेंटर ने कहा था कि ईमानदारी से काम करना...काम से काम रखना ...ड्यूटी निभाना.. इत्यादि। वह सारी बातें जो सिखाई गई थी इंटीग्रिटी, होनस्टी.. वो सब फॉलो किया।
3 साल होने को आए। पर इनका प्रमोशन नहीं हो रहा था.... इनका पैसा नहीं बढ़ रहा था। इसके आजू बाजू वाले जो लोग थे...जो फैक्ट्री में काम करते थे,वो सब का प्रमोशन होते जा रहा था। लड़के को चीड होने लगी । और फिर एक दिन याद आया की मेरे मेंटर... जिन्होंने मुझे सिखाया ...मेरे गुरु.... उनसे मिलने जाता हूं।
तो वह लड़का पहुंचा बिजनेसमैन के ऑफिस में...। उन्होंने बताया कि भाई साहब.... वो तो रिटायरमेंट ले लिए हैं। वह घर पर रहते हैं..। लड़का घर पहुंचता है ।शाम का समय था ।उसका गुरुजी बागवानी कर रहे थे । लड़का उनके पास जाकर प्रणाम किया और कहा-" कैसे हैं आप"?
उन्होंने कहा-" बिल्कुल ठीक"।
तो लड़का ने कहा की-" आपने मुझे जो-जो बातें बताई थी... वह सब करके देख लिया। लेकिन समस्या यह है कि पिछले 3 साल से प्रमोशन नहीं हो रहा है... पैसे नहीं बढ़ रहे हैं... क्या करना चाहिए.."?
तो उस मेंटर ने कहा कि- "बस तुम एक काम करो.... तुम कल की छुट्टी ले लो । बिना कोई रीजन बताएं। बस तुम छुट्टी ले लो..!
लड़के ने कहा-" अच्छा"!!!
मेंटर ने कहा -"हां! वो होता है ना... कि कभी-कभी वह जो बल्ब जल रहा होता है ...लगातार... तो हम ध्यान नहीं देते। जिस दिन बुझ जाती है, उस दिन ध्यान जाता है कि अच्छा यह इंम्पॉर्टेंट था..। कल करके देखो.."।
अगले दिन वह लड़का गया और जाकर उस फैक्ट्री से छुट्टी ले ली। और उसके अगले दिन जब वह आया तो उसके बॉस ने उसे बुलाया और प्रमोशन दे दिया। क्योंकि उसके बॉस को मालूम चल गया कि एक दिन यह नहीं आया तो हमारा कितना नुकसान हो गया। इसके होने से कितने सारे काम आसानी से हो जाते हैं।
इस लड़के को लगा कि मेरे गुरुजी, जो मेंटर है... वो तो वाकई में कमाल है.... इतने विद्वान हैं कि एक छोटा सा आईडिया दिया और कमाल हो गया..!
उसके बाद वह वापस से अपना काम करने लगा और जब उसे लगता था कि पैसे नहीं बढ़ रहा... प्रमोशन नहीं हो रहा ...तो फिर से वह एक-दो दिन की छुट्टी ले लेता था। 2 दिन, 3 दिन ,लड़का ऑफिस नहीं आता था।
फिर से थोड़े पैसे बढ़ जाते थे। ऐसा चलता रहता था। बार-बार गायब होता रहता था... बार-बार नहीं आता था। ये सोचता था कि मुझे प्रमोशन कराने का फर्मूला मिल चुका है....।
एक दिन फिर से वह छुट्टी लेने के बाद वो पहुंचा ऑफिस तो वहां के गार्ड ने कहा कि-" आप अंदर नहीं जा सकते । क्योंकि आपको नौकरी से निकाल दिया गया है"।
लड़के का दिमाग खराब हो गया और दौड़ कर अपने गुरु के पास पहुंचा और जाकर कहने लगा कि-" सर! मुझे तो जॉब से निकाल दिया गया । आप का फार्मूला तो फेल हो गया"
उन्होंने पूछा कि-" सच-सच बताना कि पहली बार क्या रहा..!
तो उसने कहा कि पहली बार तो प्रमोशन हुआ.... सैलरी बढ़ी और दूसरी तीसरी बार भी बढ़ी.। लेकिन अब नौकरी से निकाल दिया गया.. ।
तो मेंटर ने कहा कि-" तुमने मेरी पूरी बात नहीं सुनी थी। आधी बात सुनकर गये कि बल्ब अगर बुझ जाए तो हमारा ध्यान जाता है... कि ये बड़ा इंम्पॉर्टेंट था... लेकिन वह लाइट का बल्ब बार-बार..जलता-बुझता ..जलता-बुझता रहे तो उसे रिप्लेस कर दिया जाता है। उस पर ध्यान नहीं दिया जाता। तुम बैलेंस नहीं बना पाए।
*यह छोटी सी कहानी हमें ये सिखाती है कि लाइफ में बैलेंसिंग बहुत इंम्पॉर्टेंट है। चाहे किसी भी चीज की हो। चाहे प्रोफेशनल लाइफ की हो... या पर्सनल लाइफ की...। आप अपनी वैल्यू बताइए लोगों को... पर सिर्फ अपनी ही वैल्यू मत बताते रहे लोगों को..। वरना एक दिन ऐसा आएगा कि लोग आपसे दूरी बनाना शुरु कर देंगे। संतुलन प्रकृति का नियम है।*