"किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है कि पानी में गिरने से इंसान की मृत्यु नहीं होती, इंसान की मृत्यु तब होती है जब उसे तैरना नहीं आता। परिस्थितियां कभी भी समस्या नहीं बनती, समस्या तब बनती है जब उनसे निपटना नहीं आता। "
नमस्कार दोस्तों... आज फिर एक नई कहानी लेकर प्रस्तुत हूं।
यह कहानी है एक दिव्यांग राजा की। जिसके राज्य में कहीं कोई समस्या नहीं थी। सब लोग खुश थे। ऊपर वाले को धन्यवाद करते थे कि कितने अच्छे राजा साहब...आपने हमारी जिंदगी में दिए.....। वह राजा दिव्यांग था। उसका एक आंख और एक पैर नहीं था। लेकिन राजा को इस बात का कोई मलाल नहीं था...।
एक दिन राजा अपनी महल के गलियारे में घूम रहा था... और पोट्रेट देख रहा था। जो शानदार पेंटिंग लगी थी वह उनको देख रहा था....! उसके पिताजी की.... उनके पिताजी की.. उनके पिताजी...। राजा घूमते-घूमते और निहारते-निहारते सोच रहा था कि कितने शूरवीर खानदान में मुझे जन्म लेने का मौका मिला । वह मन ही मन ऊपर वाले को धन्यवाद कह रहा था।
मेरे पिताजी इतनी शूरवीर थे... उनके पिताजी इतने शूरवीर थे... वो देखता चला जा रहा था। और जब आखरी पेंटिंग को देखा और उसके बाद खाली जगह को देखा तो चिंता में पड़ गया। उसे मालूम था कि यहां पर जो पेंटिंग लगेगी... वह उसकी लगेगी। उसको इस बात की चिंता नहीं थी कि वह मरने वाला था। चिंता इस बात की थी कि वहां जो पेंटिंग लगेगी वह कैसी लगेगी । राजा सोचने लगा कि मेरा एक आंख नहीं है ,एक पैर नहीं है ....इस गलियारे में इतनी शानदार पेंटिंग लगी है, मेरी वाली सबसे खराब लगेगी.. सबसे भद्दी लगेगी। उसके अंदर ही अंदर चिंता होने लगी।
तो राजा ने सोचा कि मेरे मरने के बाद में ना जाने कैसे पेंटिंग बने। एक काम करता हूं मैं जिंदा हूं ....इसी बीच में एक शानदार पेंटिंग बनाता हूं ताकि कम से कम यह तो सुकून रहे कि मेरी अच्छी पेंटिंग यहां लगे...।
तो राजा ने उस राज्य में ऐलान करवा दिया कि राज्य में जितने भी पेंटर है उन्हें राजदरबार में हाजिर होने को कहा जाए। पेंटर को न्योता दिया गया कि आप राज्य में आइए और राजा साहब की तस्वीर बनाइए। शानदार तस्वीर बनाएंगे..... शानदार इनाम मिलेगा।
पेंटर राज्य में आएं ..... उन्हें मालूम था कि शानदार पेंटिंग ब
नेगी तो शानदार इनाम मिलेगा। लेकिन समस्या यह थी कि शानदार बनेगी कैसे..? राजा की एक आंख नहीं है, एक पैर नहीं है... तो ऐसे राजा की क्या तस्वीर बनेगी..?
नेगी तो शानदार इनाम मिलेगा। लेकिन समस्या यह थी कि शानदार बनेगी कैसे..? राजा की एक आंख नहीं है, एक पैर नहीं है... तो ऐसे राजा की क्या तस्वीर बनेगी..?
और पेंटर सोच रहे थे की इनाम की बात छोड़िए...! अगर खराब बनी.... राजा गुस्सा हो गया, तो सजा मिलेगी..। इसलिए बड़े-बड़े चित्रकारों भी आगे नहीं आए। किसी ने भी हां नहीं कहा।
तभी वहां एक लड़का था। उसने बोला कि" राजा साहब , मैं आपकी पेंटिंग बनाना चाहता हूं ।मुझे 24 घंटे का वक्त दीजिए"।
बड़े-बड़े पेंटर आश्चर्य में पड़ गए कि यह लड़का क्या चाहता है...? फांसी पर लटकना चाहता है...! राजा को गुस्सा दिलाना चाहता है ..!क्या पेंटिंग बनाई गई..?
राजा को भरोसा था । राजा ने बोला-" कि ठीक है , आप बनाकर लाइए"।
अगले दिन वह लड़का पेंटिंग बनाकर लाने वाला था। पूरा दरबार भर चुका था ...दूर-दूर से लोग आए हुए थे कि वह लड़का क्या पेंटिंग बनाकर लाने वाला है।।
और लड़का जब वह पेंटिंग बनाकर लाया राजा की.., तो हर कोई ताली बजाने लगा, सीटी बजाने लगा..। राजा ने जब वह पेंटिंग देखी तो खुश हो गया। राजा ने सोचा का वाह..! मतलब इससे अच्छी पेंटिंग तो उस गलियारे में भी नहीं है । यह अब तक की सबसे सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग है । राजा ने उस लड़के को बड़ा इनाम दिया।
आप सोच रहे होंगे कि लड़के ने उस राजा की ... जिसकी एक आंख नहीं थी एक पैर नहीं थी .. उसकी क्या पेंटिंग बनाई होगी..? उस लड़के ने राजा को एक घोड़े पर सवार दिखाया। एक साइड से वो तस्वीर थी जिसमें एक पैर दिख रहा था और राजा तीरंदाजी कर रहे थे.... निशाना साध रहे थे। और जब निशाना साधते हैं तो एक आंख बंद हो जाती है । वही वाली आंख बंद थी जो राजा की नहीं थी..।
तो इस तरीके से लड़के ने राजा की एक आंख बंद कर दी। एक ही पैर दिखाया, राजा को घोड़सवार दिखाया और निशानेबाज दिखाया। और वो पेंटिंग इतनी कमाल की बनी कि वह अब तक की सबसे सर्वश्रेष्ठ पेंटिंग थी।
"इस लड़के के सामने भी चुनौती थी... संकट था..। लेकिन उसने सकारात्मक का साथ नहीं छोड़ा... पॉजिटिविटी का साथ नहीं छोड़ा। जिंदगी में चाहे जो संकट आ जाए। एक वैक्सीन का डोज हमेशा लगाकर चलयेंगा। और इसे पॉजिटिविटी का वैक्सीन कहते हैं और इसे रोजाना लगाना जरूरी है। जिंदगी में चाहे जिस मुकाम में भी आप हो, जिस संकट में आप फस जाए, जिस स्थिति में आप हो । अगर आपने पॉजिटिविटी की वैक्सीन लगा रखी है तो यकीन मानिए... उस संकट से आप बाहर निकल जाएंगे। बस आपसे इतना कहना चाहता हूं कि जिंदगी में कभी उम्मीद मत खोइएगा।"