किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है कि आवाज ऊंची हो तो बहुत कम लोग सुनते हैं और अगर बात होती ऊंची हो तो बहुत सारे लोग सुनते हैं।
इसी के साथ नमस्कार दोस्तों आज पुनः एक नई कहानी लेकर आपसे भेंट होगी।
यह कहानी एक 24 साल के लड़के की । जो अनाथ था। उसके माता-पिता इस दुनिया में नहीं थे । वह एक सेठ के यहां नौकरी करता था। नौकरी करके जब वह घर आता था तो खाना बनाता और सो जाता था। उसका लाइफ बहुत बोरिंग चल रहा था। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि जिंदगी में चल क्या रहा है । वह रोज भगवान की पूजा करता और भगवान से कहता कि-" कुछ तो मेरी जिंदगी में बदलाव कीजिए"।
एक दिन वह घर आया और हाथ मुंह धोकर खाना बनाया और खाना बनाने के बाद पूजा करने लगा। पूजा करने के बाद जब वह वापस आया तो देखता है कि उसने 4 चपाती बनाई थी ।चार चपाती में से एक चपाती गायब थी। अगले दिन ऐसा होने ही वाला था कि उसने चूहे को पकड़ लिया। जो हर रोज एक चपाती लेकर भाग जाती थी।
लड़की ने जब चूहे को पकड़ा तो चूहे ने कहा-" मुझे छोड़ दो ,मेरी किस्मत का तुम क्यों खाना चाह रहे हो...... यह तो मेरी किस्मत का है...!
तो उस लड़की ने कहा -"मैं तुम्हें कैसे छोड़ दूं ..! मुझे समझ में नहीं आ रहा है। मेरी खुद की जिंदगी में कुछ नहीं हो पा रहा है । मैं सिर्फ इतना ही पैसा कमाता हूं कि दिन के चार चपाती खा सकूं ।इससे ज्यादा मेरी जिंदगी में बदलाव नहीं आ रहा है...."।
लड़की ने सोचा-" चलो यह भी कर के देख लेते हैं"। अगले दिन लड़का सेठ के पास गया और सेठ से कहा कि मुझे कुछ दिनों की छुट्टी चाहिए। लड़के को छुट्टी मिल गई।
उसने यात्रा शुरू की। पहला दिन बहुत लंबा गुजरा। शाम होने को आई । रात हो गई ।उसे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं कहां ठहरूं। उसी वक्त उसे एक हवेली दिखी वह लड़का हवेली के पास गया ।उसने दरवाजा खट-खटाया। हवेली की मालकिन ने दरवाजा खोला और उसका स्वागत किया। मालकिन ने पूछा-" कहां से आ हो...? कहां जा रहे हो...?
लड़के ने बताया कि मैं गौतम बुध्द के आश्रम जा रहा हूं। उनसे मिलना चाहता हूं ।और उनकी शरण में जाना चाहता हूं।
मालकिन ने कहा -"अरे वाह..! आप वहां जाना चाहते हैं जहां मै बरसों से जाना चाहती थी... लेकिन जा नहीं पाई ।आप एक काम कीजिए आज रात आप मेरे यहां विश्राम कीजिए। लेकिन कल जाने से पहले आप मेरा एक सवाल लेकर जाइएगा और भगवान गौतम बुध्द से उनका जवाब लेकर आइएगा"।
लड़के ने कहा -"आपका सवाल क्या है?
हवेली की मालकिन ने कहा-" देखिए मेरा सवाल बहुत सरल सा है। मेरी एक बेटी है 22 साल की, जो बोल नहीं सकती। क्या आप भगवान गौतम बुध्द से पूछ लेंगे कि यह कब बोलना शुरू करेगी..?
लड़के ने कहा-" ठीक है..। पूछ लूंगा"।
अगले दिन उसने फिर से यात्रा शुरू की। यात्रा लंबी थी। जब उसने जंगल पार किया तो उसे एक बड़ा सा , ऊंचा पहाड़ दिखा। लड़का पहाड़ चढ़ने की कोशिश करने लगा। उसे समझ में नहीं आ रहा था कि इतना ऊंचा पहाड़ वह कैसे चढ़ पाएगा। तभी उसे वहां एक तपस्या करता हुआ एक जादूगर दिखा। जादूगर के पास जाकर उसने प्रणाम किया और बोला कि -"मेरी मदद कर दीजिए, मुझे यह पहाड़ पार करा दीजिए..। आप तो चमत्कारी होते ही हैं, आप मेरी मदद कर सकते हैं"।
जादूगर ने कहा कि भाई..! तुम जा कहां रहे हो ।
लड़के ने कहा -"मैं गौतम बुध्द से मिलने उनके आश्रम जा रहा हूं"।
जादूगर ने कहा -"यह तो बहुत बढ़िया बात है..। अगर तूम वहां जा ही रहे हो तो मेरा एक काम कर देना। भगवान गौतम बुध्द से पूछना कि मैं यहां 1000 साल से तपस्या कर रहा हूं। मुझे अभी तक स्वर्ग की प्राप्ति क्यों नहीं हुई"।
लड़के ने कहा-" ठीक है । मैं आपके सवाल का जवाब जरूर लेकर आऊंगा ।अब मुझे यह पहाड़ पार करवा दीजिए "।
जादूगर के पास एक जादुई छड़ी थी । उसने अपनी जादुई छड़ी घुमाई और लड़के को पहाड़ पार करवा दिया।
लड़का अब मैदानी इलाका में आ गया। लड़का जब मैदानी इलाका में पहुंचा तो उसे एक बहुत लंबी और चौड़ी नदी दिखाई दी। उसने सोचा अब इस नदी को कैसे पार करो..? तभी उसे वहां एक कच्छुवा दिखाई दिया। उसने कच्छुवें से मदद मांगी की कृपा कर... मुझे यह नदी पार करा दीजिए।
कच्छुवा उसकी मदद करने के लिए तैयार हो गया। कच्छुवा ने लड़के को अपने पीठ पर बैठाया और नदी पार करा दिया। कच्छुवा ने जब उसे नदी पार कराया तो कछुए ने उससे पूछा कि भाई..! तुम जा कहां रहे हो..?
लड़के ने फिर वही जवाब दिया कि मैं गौतम बुध से मिलने उनके आश्रम जा रहा हूं । तो उस कच्छुवें ने कहा कि मेरा एक सवाल है । आप भगवान गौतम बुध से जरुर पूछेएगा।
कच्छुवें ने कहा कि-" आप उनसे पूछेगा कि मैं इस कच्छुवें से ड्रैगन कब बनूंगा। मैं पिछले यहां 500 सालों से इस नदी में हूं"...?
लड़के ने कहा-" ठीक है। मैं आपके सवाल का जवाब जरूर लेकर आऊंगा"।
लड़का जब गौतम बुध्द का आश्रम पहुंचा तो वहां देखा कि भगवान गौतम बुध का प्रवचन चल रहा था। प्रवचन जब खत्म हुआ तो उन्होंने कहा कि आप में से कोई भी सवाल पूछ सकता है...। पर ध्यान रखिएगा कि एक व्यक्ति मात्र तीन ही सवाल पूछ सकता है।
अब लड़के को समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें..। उसका एक खुद का सवाल था कि मेरे जीवन में कोई बदलाव क्यों नहीं हो रहा है..। उसके बाद हवेली की मालकिन का सवाल ....? फिर जादूगर का ..? फिर कच्छूवे का...?
उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह क्या करें ।जिनसे उसे सारे सवालों का जवाब मिल जाए । लड़के ने बहुत सोचा कि किसका सवाल वह ना पूछे....।
फिर उसे समझ में आया कि मेरी जिंदगी तो चल ही रही है। मुझे ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। सेठ के यहां नौकरी कर रहा हूं।
यह जो 3 लोग हैं जिनसे मैं मिला हूं , इनकी जिंदगी में बड़ी समस्या है। इसके जवाब जरूर से मिलना चाहिए । तो उस लड़के ने अपने सवाल को त्याग दिया और उसने उन तीनों सवालों को पूछा जो मालकिन ने भेजा था , जादूगर ने भेजा था और कच्छुवे ने...।
हवेली के मालकिन के जवाब देते हुए गौतम बुध्द ने कहा कि उनकी बेटी तब बोलना शुरू करेंगी जब उसकी शादी हो जाएगी।
जादूगर के जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जादूगर तब स्वर्ग में जाएगा जब वह जादूई छड़ी को त्याग देगा।
और कछुए का सवाल का जवाब देते हुए गौतम बुध्द ने कहा कि कच्छुवा तब ड्रैगन बनेगा जब वह अपना कवच को उतार देगा।
लड़का भगवान को प्रणाम करके वापस आ गया । उसने कच्छुवें को बताया कि तुम्हें यह कवच उतारना होगा। कच्छुवें ने जैसे ही कवच उतारा वह ड्रैगन बन गया और उसके कवच से मोती की मोती निकली । कच्छुवें ने कहा कि यह मोती तुम रख लो.... मैं इन मोतियों का क्या करूंगा।
लड़के को मोती मिल गई। लड़का आगे बढ़ा।
वह जादूगर के पास पहुंचा और कहा कि तुम्हें यह जादुई छड़ी त्यागने होगी। तभी तुम स्वर्ग जा पाओगे । जादूगर ने उस छड़ी को त्याग कर लड़कें को दे दिया और स्वर्ग चला गया। अब लड़के के पास ताकत था। लड़का आगे बढ़ा।
वह मालकिन के पास गया और कहा कि आपको अपनी बेटी की शादी करानी होंगी तभी वह बोल पाएगी।
मालकिन ने ना आव देखा ना ताव...। मालकिन ने तुरंत पंडित से मुहूर्त निकाली और अपनी बेटी की शादी उस लड़के से करा दी। जैसे ही लड़की की शादी हुई। वह बोल पड़ी कि आप तो वही है जो उस दिन आप मेरे घर आए थे।
लड़के ने अपने एक सवाल का त्याग किया और इसे जिंदगी में सब कुछ मिल गया। अब इसके पास मोतियों की वजह से पैसा था और छड़ी की वजह से ताकत और जिंदगी में प्यार था क्योंकि शादी हो गई थी।
यह छोटी सी कहानी हमें यह सिखाती है कि जिंदगी में कुछ पाना है तो कुछ खोना पड़ेगा। दोस्तों जब जहाज भी किनारे पर होती है तो सबसे सुरक्षित होती है। लेकिन जब उसे एक किनारे से दूसरे किनारे जाना होता है तो उसे लहरों से टकराना होता है । आलस्य को त्यागना होता है।...