किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है कि-" एक दिन बरसात गिरी और कान में इतना सा कह गई कि किसी की भी गर्मी ज्यादा दिन नहीं रहती, चाहे भले ही सूरज क्यों ना हो।
दोस्तों इसी के साथ एक नई कहानी लेकर आया हूं जो आपको कुछ नया सीख देगी....
एक बार एक गरीब परिवार का लड़का गांव से शहर में आकर सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था। उसने उस नौकरी के लिए कुछ परीक्षा दे चुका था और कुछ देना बाकी था। एक दिन खुशी की बात हुई कि उसके पास एक इंटरव्यू के लिए कॉल आई। अगली सुबह उसे जाना था दूसरे शहर इंटरव्यू देने के लिए । लेकिन समस्या यह थी कि उस लड़के के पास शहर जाने तक के पैसे नहीं थे। लड़के ने अपने घर में पैसा ढूंढा तो मुश्किल से उसे ₹50 मिले। गरीब परिवार का लड़का, पढ़ाई का खर्चा, शहर का खर्चा ,समझ में नहीं आ रहा था कि वह क्या करें । दोस्तों से भी वह नहीं मांग सकता था क्योंकि वह काफी उधार ले चुका था। दोबारा मांगने में उसे शर्म आ रही थी।
अगले दिन उसने हिम्मत करके एक अच्छा सा वस्त्र पहना और अपने कागजात लेकर बस स्टैंड की ओर चल दिया । उसने सोचा कि कुछ ना कुछ कर ही लूंगा । लड़का भगवान को धन्यवाद भी दे रहा था और पूछ भी रहा था कि ये क्या कर दिया आपने मेरे साथ....। लड़के को लग रहा था कि कोई ना कोई जान पहचान का मिल जाएगा और वह उस व्यक्ति के साथ शहर इंटरव्यू देने चला जाएगा और इंटरव्यू देकर वापस उसके साथ आ जाएगा । लड़का बस स्टैंड पहुंचा तो वहां उसे कोई जान पहचान का नहीं दिखा। लेकिन उसे यह मालूम था कि शहर पहुंचने के लिए बस का किराया चाहिए। लड़का उदास ,हताश और परेशान होकर वापस बस स्टैंड से बाहर आया। लड़का वापस आकर देखा तो पास में एक मंदिर थी। उसने सोचा कि जाकर भगवान से ही मांग लेता हूं कि आप मुझसे क्या चाहते हो । लड़का मंदिर के पास पहुंचता है। मंदिर की सीढ़ियां चढ़कर भगवान को जाकर प्रणाम करता है और भगवान से कहता है कि भगवान आप ही मुझे बचा सकते हैं। लड़का भगवान से प्रार्थना करने के बाद मंदिर की सीढ़ियों पर बैठकर जूते पहन रहा होता है। जूते पहनते हुए सामने देखता है कि एक फकीर बैठे हुए है और उसके कटोरे में बहुत सारे पैसे रखे हैं ।
उसके बाद लड़का फिर से मंदिर की ओर मुड़ता है और कहता है -"कि वाह! कमाल देखो, जिसको चाहिए उसको दे नहीं रहे और जिसको नहीं चाहिए उसे बहुत सारे दे रहे ।"
फकीर उसे देख कर समझ जाता है । और पूछता है कि" क्या हो गया "?..परेशान हो । कुछ मदद कर सकता हूं।
लड़का कहता है -"बाबा, आप क्या मदद करोगे । आप तो खुद ही मांग के कमा रहे हो।
तो फकीर कहता है -"नहीं, मांगकर नहीं कमा रहा हूं। इस मंदिर में जो भी आता है वह कुछ देकर जाता है । वे इसलिए देते हैं क्योंकि उन्हें पुण्य कमाना है। मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं बात क्या है!!!
लड़का फकीर को बताता है कि मुझे एक इंटरव्यू देने के लिए शहर जाना है। और वहां पहुंचने के लिए मुझे ₹500 कम से कम चाहिए।
तब फकीर कहता है -"तुम मुझसे पैसे ले लो "।मुझे पैसों की ज्यादा जरूरत नहीं है ,ना मोह है। दिन में दो वक्त का खाना खाता हूं और कुछ दवाई खरीदता हूं। और उसके बाद शाम को बचे हुए पैसे मंदिर के दान पेटी में दान कर देता हूं ।
लड़का फकीर की बात पर विश्वास कर लेता है ।वह बाबा से पैसे लेता है और कहता है -"बाबा जब मेरे पास पैसे होंगे तो मैं आपको वापस लौटा दूंगा "।
फकीर कहता है-" कोई बात नहीं ,यहीं बैठा रहता "!
लड़का जाता है और इंटरव्यू देकर आता है और भाग्य से उसका सलेक्शन हो जाता है ।लड़का जब शाम को इंटरव्यू देकर घर आ रहा होता है तो बस में सोच रहा होता है कि जाकर बाबा को धन्यवाद कहूंगा। उसी की वजह से आज यह चमत्कार हुआ है।
लड़का मंदिर के पास पहुंचता है तो देखता है कि वहां भीड़ जमा हुई है। लोग इकट्ठे थे। लड़का पूछता है कि क्या हो गया?...
एक व्यक्ति ने जवाब देते हुए कहा कि एक फकीर की आज मृत्यु हो गई। लड़का भीड़ के सबसे आगे पहुंचता है तो देखता है कि उसी बाबा की मृत्यु हो गई थी जिसने उसकी मदद की थी ।
एक व्यक्ति कहता है कि आज इन्होंने दवाई नहीं ली थी शायद पैसे नहीं रहे होंगे।
लड़का भगवान से कहता है-"वाह!.. ऊपर वाले एक इंसान की जिंदगी बनाने के लिए एक इंसान खुद की जिंदगी का दाव लगा दिया....! लड़का समझ नहीं पाता कि क्या करें।
उस भीड़ में से एक और व्यक्ति की आवाज आती है और कहता है कि -"भिखारी था... ,मर गय...,अच्छा ही हुआ और किसी काम का नहीं था।
बस इतनी सी थी यह कहानी। यह छोटी सी कहानी हमें दो बातें सिखाती है।
पहली बात... हमेशा दूसरों पर विश्वास करो। उसकी मदद करो।
और दूसरी बात... अपने ऊपर भरोसा रखें। जब भी आपको लगे कि ब मेरा कुछ नहीं हो सकता तो कहीं ना कहीं से आपको मदद जरूर मिलेगी। ऊपर वाला कब किसी को मदद के लिए भेज दे यह कोई नहीं जानता। बस आप निरंतर प्रयास करते रहे