नमस्कार दोस्तों इसी के साथ भाग्य से संबंधित एक नई कहानी लेकर आया हूं जो आपको कुछ नया सीख देगी।
और हां दोस्तों पिछली स्टोरी को इतना ज्यादा पसंद करने के लिए आप सभी को शुक्रिया।
दो भाई थे। जो बड़ा वाला भाई था उसका लाइफ़ स्टाइल छोटे वाले भाई से पूरी तरह भिन्न था । बड़े वाले भाई का मानना था कि जीवन में हमें अच्छे काम करना चाहिए और दूसरों की मदद करनी चाहिए। बड़ा भाई अच्छे काम की ओर बढ़ने के लिए उसने मेडिटेशन सेंटर जॉइन किया था। बड़ा भाई मेडिसिंस के लिए जाता था, वहां अच्छी बातें सुनता था और मेडिटेशन करता था।
और जो छोटा वाला भाई था । उसका यह मानना था कि जीवन एक बार ही मिलती है ...! जितना मजा करना है करो... वह हमेशा पार्टी में जाता था ,डांस क्लब में जाता था और खूब पैसे उड़ाता था । कभी-कभी मन करता तो नशे भी कर लेता था ।
बड़ा वाला भाई, छोटे भाई को हमेशा समझाता था कि भाई यह सब सही नहीं है । "थोड़ा जीवन में अच्छे काम भी कर लो."?
छोटा वाला भाई कहता था-" भैया, पता नहीं आप किस पागलपन में लगे हुए हैं । मेडिसिन करने से ,अच्छी बातें सुनने से कुछ नहीं होगा । जीवन में अगर पैसा हो तो मजे करो और उसे उड़ाओ"। यह कहकर वह चुप हो गया हो जाता था।
बड़ा वाला भाई की बात का असर छोटे वाले भाई पर नहीं होता था। और छोटे वाले भाई की बात असर बड़े वाले भाई पर नहीं होता था।
बड़े वाले भाई के पास पैसे भी नहीं होते थे..। वह जैसे-तैसे अपनी जिंदगी गुजार रहा था । कभी फटे कपड़े पहन लेता तो कभी खाली पाॅंव ही कहीं चल जाता।
लेकिन छोटे वाले भाई के पास पैसा बहुत होता था और पूरा दिन भर मजे करता था। एक दिन बड़ा वाला भाई मैडिटेशन करके घर वापस आ रहा था तो रास्ते में उसके पांव पर एक कील घुस गई । उसे दर्द होने लगा और खून भी निकलने लगा। जैसे तैसे वह घर पहुंचा और घर पहुंचकर पट्टी बांधी। इस बीच वह इंतजार कर रहा था कि छोटा भाई घर आ जाए और पानी पिलाई। उससे चला भी नहीं जा रहा था।
छोटा वाला भाई जब घर में घुसा तो हंसते खेलते घुसा। और आकर बड़े भाई से कहने लगा -"कि भैया... आज तो कमाल हो गया"।
भैया ने कहा-" पहले मुझे पानी पिला दो..,! उसके बाद कहना"।
छोटे वाले भाई ने देखा कि बड़े वाले भाई के पांव पर पट्टी बंधी हुई थी ।उसने पूछा -"भैया , ये क्या हो गया?"
बड़े वाले भाई ने कहा -"घर आते समय एक कील घुस गई पांव पर..!
छोटे भाई ने मुस्कुराकर कहा-" देखा क्या मिला इससे..? आप इतना मेडिटेशन करते हो, अच्छी बातें सुनते हो ..!क्या मिला ? लोगों की मदद करते रहते हो, खुद के पास कुछ तो है नहीं..!
छोटे भाई की बात सुनकर बड़े भाई का दिमाग घूम गया। उसने सोचा ये क्या हो रहा है मेरे साथ ..।जरूर मेरे भाग्य में ही कमी है।
उसके बाद बड़े भाई ने सोचा कि चलो ...कोई ज्योतिष को दिखा कर आते हैं । हो सकता है ,मेरे भाग्य में ही कमी हो।
अगली सुबह दोनों भाइयों ने शहर के सबसे बड़े ज्योतिषी के पास गए। जिस की कही हुई बात आज तक कभी गलत नहीं हुई थी।
दोनों जाकर अपनी-अपनी कुंडली दिखाने लगे। सबसे पहले बड़े भाई ने पहली कुंडली दी। ज्योतिषी जी कुंडली देखकर गुस्सा हो गए। उन्होंने कहा-" यह किस मनहूस की कुंडली दिखा रहे हो । आज तो इसकी मृत्यु होने वाली है और अभी तक तो यह मर चुका होगा ।
बड़ा भाई कुछ देर चुप रहने के बाद उन्होंने छोटे भाई की कुंडली दी
ज्योतिषी जी ने दूसरी कुंडली देखी तो उन्होंने कहा-" वाह ! क्या कुंडली है। राजयोग लिखा है। यह आज मंत्री बनने वाला है । यह भाई साहब कहां है? मुझे इस से मिलना है "।यह कहकर ज्योतिषी जी शांत हो गए।
कुछ देर बाद दोनों भाइयों ने कहा -"ज्योतिष जी, यह दोनों कुंडलियां हमारी ही है"।
ज्योतिषी जी आश्चर्य से कहने लगे -"क्या बात कर रहे हो..! मैं कभी गलत नहीं कहता हूं। एक बित बता मुझे, तुम दोनों करते क्या हो?
बड़े भाई ने बताना शुरू किया कि मैं जैसे-तैसे जिंदगी चला रहा हूं । थोड़ा बहुत मेडिटेशन करता हूं और थोड़ा बहुत दूसरों की मदद कर देता हूं।
छोटे भाई ने कहा-" मैं तो दिन भर मजे करता हूं। कभी पार्टी में जाता हूं ,कभी नशे कर लेता हूं, कभी डांस करता हूं अगैरा वगैरा और दिनभर पैसे उड़ाता हूं।
उसके बाद ज्योतिषी जी ने जो कहा वह हमें बहुत बड़ी सीख देती है दोस्तों। उन्होंने कहा कि आज तुम दोनों अपने अपने कर्मों से यहां खड़े हो। उन्होंने छोटे भाई को कहा कि आज तुम मंत्री बनने वाले थे लेकिन तुम्हारे बुरे कर्मों ने तुम्हें सिर्फ एक हीरा दिया।
उसने बड़े भाई के लिए कहा कि आज तुम्हारी मृत्यु होने वाली थी । लेकिन तुम्हारे अच्छे कर्मों ने तुम्हें बचा लिया।