किसी ने बड़े ही कमाल की बात कही है -"कि जिन चार लोगों में बैठकर आप दूसरों की बुराई करते हैं , यकीन मानिए आपके जाने के बाद ही वहां आपकी बुराई होने लगती है"।
दोस्तों इसी के साथ एक नई कहानी लेकर आया हूं। उम्मीद करता हूं कि ये छोटी सी कहानी आपको कुछ नया सीख देगी।
एक व्यक्ति की मृत्यु नजदीक थी, लेकिन उसे मालूम नहीं था कि वह मरने वाला है ।वह दरवाजे की चौखट पर बैठा था। तभी यमराज़ जी उसे लेने आए ।
यमराज़ उसे लेने के लिए बहुत दूर से आए थे , तो वे थक चुके थे। आदमी दरवाजे पर ही बैठा था तो यमराज ने कहा-" भाई एक गिलास पानी पिला दो"।
आदमी ने यमराज़ को एक गिलास पानी अंदर से लाकर दिया । इसे यमराज बहुत खुश हुआ और उसके बाद कहा-" मैं यमराज हूं। तुम्हें लेने आया हूं, लेकिन तुमने एक प्यासे को पानी पिलाया है और प्यासे को पानी पिलाना पुण्य का काम होता है तो मैं तुम्हें एक अवसर देना चाहता हूं जिसे तुम अपना किस्मत बदल सकते हो"।
आदमी बहुत खुश हुआ।
यमराज ने एक डायरी निकाली और आदमी से कहा-" तुम्हारे पास 5 मिनट का समय है। इस दौरान इसमें तुम जो भी लिखोगे ,वह हो जाएगा" ।
यह कहते हुए यमराज ने डायरी आदमी को दे दी।
आदमी ने पहला पन्ना पलटा । उसमें लिखा था-"कि जो बाजू वाले घर में रहता है उसकी तीन करोड़ की लॉटरी लगने वाली है ।
इस आदमी का दिमाग खराब हो गया कि पड़ोसी को तीन करोड़ मिलने वाले हैं। उसने गुस्से में लिख दिया कि ऐसा ना हो।
आदमी ने दूसरा पन्ना पलटा । उसमें लिखा था कि तुम्हारे घर के दाएं तरफ में जो पड़ोसी रहता है वह नेतागिरी करता है।अब तक उसने जो नेतागिरी की है उससे उसकी किस्मत चमकने वाली है। वह मंत्री बनने वाला है।
आदमी ने लिख दिया कि वह तो इसके लायक ही नहीं है। ऐसा नहीं होना चाहिए।
आदमी ने तीसरा पन्ना पलटा। उसमें लिखा था-" सामने वाले मकान में जो व्यक्ति रहता है उसे एक नई कार मिलने वाली है "।
आदमी ने लिख दिया कि वह तो लाइक ही नहीं है ।वह व्यक्ति तो टू व्हीलर बाइक में चलने के लायक है। ऐसा ना हो।
आदमी ने अगला पेज पलटा तो उसमें उसके बॉस के बारे में लिखा हुआ था। वह मैनेजर से बॉस बनने वाला है। उसे high रैंक मिलने वाली है।
आदमी को और गुस्सा आया कि ऐसा कैसे हो सकता है। मेरा बॉस तो दिन रात मुझे डांटते रहता है परेशान करते रहता है ।
उसने लिख दिया कि ऐसा ना हो।
आदमी ने अगला पेज पलटा उसमें उसका नाम लिखा हुआ था और वह पूरी तरह से खाली था। आदमी जैसे ही अपने बारे में लिखने जा रहा था, यमराज ने पेन पकड़ लिया और डायरी ले ली और कहा -"5 मिनट समाप्त हो गए"।
व्यक्ति हाथ जोड़ कर कहने लगा-" अरे माफ कर दो ,ऐसा मत करो। अभी तो मैं अपने बारे में कुछ नहीं लिखा हूं"।
यमराज ने कहा-" नहीं ,पाॅंच मिनट का समय था। वह समाप्त हो गया। अब आपको मेरे साथ चलना होगा। मैंने आपको मौका दिया था ,अपनी किस्मत बदलने के लिए। आपके पास मौका था, लेकिन आप पहले पेज, दूसरे पेज ,हर पेज में लिखते जा रहे हैं कि ऐसा ना हो, किसी का भला ना हो।
जो दूसरों का भला नहीं चाहता उसका खुद का भला हो ही नहीं सकता।
**यह छोटी सी कहानी हमें सिखाती और समझाती है कि जीवन में जो समय है वह दूसरों की बुराई करने में मत दीजिए। आप 24 घंटे को calculate करके देखेगा कि दिन में आप कितने घंटे दूसरों की बुराई करने में समय बर्बाद करते हैं। अगर आप उस समय का इस्तेमाल अपनी कमी को निकालने में करेंगे तो जीवन में चमत्कार अपने आप हो जाएगा।