हिरण का शिकार
एक बहुत बड़ा जंगल था ।उसमें बहुत सारे जानवर रहा करते थे । शेर, लकड़बग्घा, हिरण इत्यादि । उस जंगल में एक भालू और उसकी माॅं भी रहती थी। भालू बहुत छोटा था। माॅं उसे हमेशा सिखाती कि हमेशा इंसानों से बचकर रहना । इंसान बहुत बुरे होते हैं। वे पकड़कर हमें जेल में डाल कर बहुत पीटते हैं और हमें फालतू बना लेते हैं।
भालू कहता-" ठीक है माॅं"।
एक दिन भालू अपनी माॅं के साथ जंगल पर शिकार करने के लिए गया। भालू बहुत खुश था। क्योंकि वह पहली बार अपनी माॅं के साथ शिकार पर आया था। उसकी माॅं रास्ते में बताते जा रही थी , कि सावधानी से अपने कदम रखना ।क्योंकि इंसान लोग हमें पकड़ने के लिए जाल बिछाते हैं।
कुछ समय बाद ,
भालू की मां को एक हिरण देखा। उसकी माॅं उसका शिकार करने के लिए हिरण की ओर गयी। वह हिरण की शिकार करते करते इतना व्यस्त हो गई कि उसे अपने बच्चे का ख्याल ही नहीं रहा। जब वह शिकार करके वापस आई तो उसे अपना बच्चा नहीं मिला। वह अपने बच्चे को इधर-उधर ढूंढने लगी पर उसे कहीं नहीं मिला।
क्योंकि उस भालू को इंसानों ने पकड़कर शहर ले गया था और उसे जेल में बंद करके पालतू बना रहे थे।
Now moral of the story:-
- किसी भी कार्य को करने से पूर्व हमें अपनी जिम्मेदारियों का एहसास होना अति आवश्यक है।
- उसके बाद किसी भी कार्य को करने के लिए एक निश्चित प्लान बनाना पड़ता है।