किसी बेटी की शादी करना पिता के लिए उतना ही महत्वपूर्ण है जितना किसी मां के लिए अपनी बेटे के भूख को मिटाना। आखिर बाप है ,जिम्मेदारियां तो होती है शादी के प्रति!
बसंती एक मध्यम परिवार की लड़की है। जो दिखने में थोड़ी सावली और हाइट थोड़ा कम है। बसंती की उम्र 25 साल हो गई है और अभी तक उसकी शादी नहीं हुई है। ऐसा नहीं है कि उसके पिताजी ने कोशिश नहीं की उसकी शादी कराने की! बहुत बार कोशिश कर चुके हैं!!!! पर हर बार निराशा हाथ लगी है। उसके पिताजी ने करीब 35 से ज्यादा लड़कों को देख चुके हैं। पर सब यह कहकर लड़की को रिजेक्ट कर देते हैं कि लड़की की शक्ल सूरत भी ठीक नहीं है और हाइट भी कम है।
अक्सर में सोचता हूं आज कल के परिवारों के लड़के को हो क्या गया है? अरे भाई शादी में शक्ल सूरत और हाइट होना ही सब कुछ होता है क्या? भाई किसी भी शादी में जाओ!..... हर कोई पूछता है -"लड़की दिखने में कैसी है? उसके बाद और कोई सवाल पूछते हैं। जैसे पढ़ी-लिखी कितनी है? खाना बना लेती है? संस्कार कैसे हैं? मैं सोचता हूं सबसे पहले तो संस्कारों के बारे में पूछना चाहिए शादी में। उसके बाद बाकी बचे सवाल पूछने चाहिए। लेकिन नहीं !!!हमें बस अच्छी शक्ल सूरत वाली लड़की चाहिए भाई !बाकी ना रहे तो चलेगा। मैं गुस्से में बढ़ बढ़ाते हुए घर से बाहर चला गया।
कुछ महीनों बाद!!!!!
बसंती के घर के सामने एक वोल्वो कार आई। बसंती वही आंगन में झाड़ू मार रही थी। बसंती ने देखा कि उस कार से एक पूरा परिवार उतर रहा है और उसके घर की तरफ आ रहा है। वह अपने दुपट्टे से अपना माथा पोंछा और तुरंत दौड़कर अंदर चली गई। और पापा को कहा-"कोई आ रहे है। पापा शर्ट बदल रहे थे। शर्ट बदलते हुए पूछे -"कौन आ रहे है। पता नहीं? देखने में लग रहा है एक वोल्वो कार में पूरा परिवार आया है।
अच्छा..... पापा ने जल्दी से शर्ट का बटन लगाया और बाहर चले गए। तब तक वह परिवार दरवाजे तक पहुंच चुके थे। पापा ने आश्चर्यजनक से कहा-" आप लोग कौन?
आपने पहचाना नहीं !..आपने मेरी जान बचाई थी सड़क पे!
औ.......आप, नारायण मूर्ति जी। आइए ना ..... अंदर आइए ना। दरवाजे के अंदर घुसते ही पापा ने जोर से चिल्लाया-"बेटी 5 कप चाय और बिस्कुट ले आना! बेटी ने आवाज दी -"ठीक है पापा लाता हूं। सारे कुर्सी में बैठ चुके थे। पापा ने पूछा-" इधर कैसे आना हुआ,पूरे परिवार के साथ?
नारायण मूर्ति जी ने कहा-"औ...औ.... दरअसल मैं अपने बेटे के लिए आपकी बेटी का हाथ मांगने आया हूं। यह मेरा बेटा रोहन। अमेरिका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर है ।2 महीने के लिए घर आया है ।सोचा क्यों ना इस बार इसकी शादी करा कर भेजूं। अकेला रहता है! कोई देखभाल भी करें तो अच्छा रहेगा? यही सोचकर इसकी शादी करा रहा हूं। आप तो जानते हैं 2 महीने में एक अच्छी लड़की को ढूंढना भी बहुत मुश्किल काम है...।
इतना कह ही रहे थे तब तक बसंती चाय लेकर आ गई। बसंती ने कहा -" पापा चाय और बिस्कुट ,लीजिए! और बसंती कमरे के अंदर चली गई।
नारायण मूर्ति जी ने फिर बोलना शुरू किया-"तो मैं कह रहा था.......
तभी बसंती के बाबा बोले -"हां हां मैंने सुना। उसने गरिमा भरी नजरों से कहा ।आप मजाक तो नहीं कर रहे हैं। नारायणमूर्ति जी ने कहा-" नहीं नहीं, मैं मजाक क्यों करूंगा !अगर आप सहमत हैं तो आप अपनी लड़की हमें दे दीजिए।
बसंती के बाबा को इतनी खुशी हुई कि आंखों से आंसू बहने लगे। बसंती के बाबा अचानक उठ खड़े हुए और हाथ मिलाते हुए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कहने लगे। उसके बाद बसंती के बाबा फिर बोले आप लड़की को देखना चाहेंगे। रोहन चुप था। वह कुछ नहीं बोला। नारायण मूर्ति ने कहा -"नहीं -नहीं मैं लड़की को पहले ही देख चुका हूं और मेरे बेटे को भी बहुत पसंद है आपकी बेटी...। नारायण मूर्ति जी ने फिर कहा -"क्यों ना अभी ही पंडित जी को बुलाकर शादी की सारी रस्में एवं मुहूर्त निकाल दिया जाए । बाबा ने हां में हां मिलाया और पंडित जी के पास कॉल किया। करीबन आधे घंटे में पंडित जी भी पहुंच गए। पंडित जी ने लड़की और लड़का दोनों की कुंडली देखी यह दोनों के 72 गुण मिलते हैं ,बहुत खुश रहेंगे। पंडित जी ने कहा अगले हफ्ते शुभ मुहूर्त है 28 फरवरी को। जैसे ही 28 फरवरी सुने बसंती के पापा दुखद आवाज में बोले-"अगला हफ्ता पंडित जी यह तो काफी कम समय है। इतना जल्दी सारी चीजों की तैयारियां कैसे होगी? शादी के कार्ड छपा ना ,टेंट को बुलवाना, शॉपिंग करवाना ये सब काम इतना जल्दी कैसे हो पाएगा? नारायण मूर्ति ने कहा-" आप उसकी चिंता मत कीजिए ।यह सब काम हम देख लेंगे। आप सिर्फ शादी में ध्यान दीजिए। टेंट वाले को बुलवाना, शॉपिंग करवाना, कार्ड छुपवाना। यह सारा काम आप हम कर देंगे। अंदर बैठी बसंती सारी बातें सुन रही थी। वह अंदर अंदर ही बहुत खुश हो रही थी ।वह सोच रही थी की फाइनली चलो अब मेरी शादी हो ही जाएगी।
उसके बाद उसके परिवार ने हाथ जोड़ा और धन्यवाद आपन करके वहां से चले गए।
उनके जाने के बाद बसंती और उनके पापा की खुशियों का ठिकाना नहीं था। वे दोनों घर में ही नाच रहे थे। और उनके पापा गाना गा रहे थे....अब मेरी बिटिया की शादी होगी..... !!!!!
1 हफ्ते के बाद बसंती की शादी हो गई और वह अमेरिका चली गई अपने पति के साथ। उसके पापा घर में अकेले थे। वह दिन में एक बार अमेरिका से जरूर कॉल करती-" यह पूछने के लिए कि खाना खाए कि नहीं, दवा ठीक से लिए कि नहीं!...
बस इतनी सी थी यह कहानी ।दोस्तों उम्मीद करता हूं कि मेरे लिखी हुई कहानियां आपको पसंद आ रही होगी। दोस्तों इस कहानी पर कमेंट करना मत बोलिएगा और साथ ही साथ शेयर भी कीजिए ताकि आपके साथ साथ आपके दोस्त एवं अन्य लोग भी इस कहानी को पढ़ सके।