मैं सुबह के 4:00 बजे उठा। उठते ही मैंने अपना मोबाइल चार्जिंग पॉइंट से हटाया और नेट चालू किया तो दोस्तों के ढेर सारे मैसेजेस मैंने देखी। देखत मैंने सारे दोस्त को एक साथ रिप्लाई किया- हैप्पी न्यू ईयर मेरे यार, और उसके साथ मैंने भी कुछ इमोजी भेजें।
करीबन सुबह के 5:00 बज चुके थे। ठंड ज्यादा थी तो मैंने बाहर निकलना मुनासिब नहीं समझा। मैं रजाई ओढ़ कर फोन में यूट्यूब के शॉट्स वीडियो देखने लगा। तकरीबन मैंने एक घंटा शॉट्स वीडियो देखें ।मेरा नेट 50 % खत्म हो चुका था।
तभी नीचे से मेरी मां की आवाज आई-" बेटा उठ जाओ, चाय पी ले।
मैंने कहा-" हां मां ,उठ गया हूं ।मैं उठते ही नीचे गया और चाय पी। मैंने देखा कि मेरी बहन घर की सफाई कर रही थी और मेरी भाभी बर्तन मांज रही थी और दादी आंगन में बैठकर बोरसी में आग ताप रही थी ।
कुछ समय बाद मैं और मेरे कुछ दोस्त नदी की और घूमने चले गए। वापस आया तो देखा कि मेरी मां कुछ सामान पैक कर रही थी।
मैंने पूछा-" कहां जा रही हो मां?
पिकनिक!
मैंने मां से कहा- "मां, सीधा बोलिए ना कि घूमने जा रहे हैं, यह पिकनिक क्या होता है?
अरे बेटा आज इस साल का नया दिन है। इसी को मनाने बाहर जा रहे हैं। लोग आज के दिन कहीं बाहर जाकर दोपहर का भोजन बाहर पकाते हैं और वही खाते हैं ।मां ने मुझे इसके बारे में पूरा बताया।
हालांकि मुझे बाहर घूमना पसंद है ।लेकिन बाहर जाकर कहीं खाना पका कर खाना ही मुझे पसंद नहीं।
मां ने गहरी सांस लेते हुए कहा-" जा कर तैयार हो जाओ, हम कोनार डैम जा रहे हैं।
मैंने भी हां में हां मिला दिया।
मेरे परिवार में मां एक बहन और एक भाभी है। मेरा बड़ा भाई घर से दूर रहता है।
हम करीबन 9:00 बजे सड़क में किसी खाली गाड़ी के आने का इंतजार करने लगे। ताकि हम उस पर बैठकर जा सके। बहुत देर इंतजार करने के बाद कोई भी खाली गाड़ी नहीं आई। तब मैंने निर्णय लिया कि चलो भाई बाइक से चलते हैं ।हालांकि मेरे घर में बोलेरो गाड़ी थी, लेकिन मुझे चलाना नहीं आता था।
हम किसी तरह एक ही बाइक में सवार होकर कोनार डैम पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद मैंने जो देखा वह मुझे खुद यकीन नहीं हो रहा था ।चारों तरफ जंगल था और बीच में एक डैम। और जगह जगह पर गाड़ी पार्किंग का नोटिस लगा हुआ था। मैंने सोचा कि मेरे पास तो बाइक है ,मैं क्यों पार्क करूं। मैं गाड़ी लेते हुए पार्किंग एरिया से आगे चला गया। कुछ दूर जाने के बाद देखा कि बहुत सारे परिवार एकजुट होकर एक साथ खाना बना रहे थे। महिलाएं आग जोड़ रही थी तो पुरुष जंगल से लकड़ियां इकट्ठा कर रहे थे। एक परिवार तो ऐसा था कि वह ₹12000 का डीजे बुक कर के लाया था।
गाने की आवाज सुनकर हमारे शरीर में और एनर्जी ला रही थी। हमने भी ठीक डीजे गाड़ी के सामने खाना बनाना शुरू किया। भाभी और मां खाना बनाने में व्यस्त हो गये। मैं और मेरी बहन डैम की ओर चले गए। हम दोनों डैम के किनारे बैठ कर पानी को देख रहे थे। करीब हम दोनों आधे घंटे वहीं बैठ कर पानी को देखते रहे हैं। उसके बाद भाभी का कॉल आया। मैंने कॉल उठाया-" और हेलो कहा।
भाभी ने कहा- "अजय आ जाओ खाना बन चुका है मैंने कहा ठीक है भाभी आता हूं और फोन काट दिया।
उसके बाद हम लोग करीबन 10 मिनट में वहां पहुंच गए। खाने में बहुत तरह के पकवान बने थे। कचोरी, आलू चॉप, मछली, मुर्गा और चावल इत्यादि। हमने एक साथ मिलकर सारा भोजन खाया और खूब गप्पे किए। उसके बाद डीजे के सामने करीबन 2 घंटे तक डांस किया। लगातार 2 घंटे तक डांस करने के बाद हम पूरी तरह से थक चुके थे। शाम होने ही वाली थी। हमने सारा सामान पैक किया और घर की ओर चल दिए। हम 1 घंटे बाद घर पहुंच चुके थे। मेरा पूरी तरह से ढल चुकी थी।
बस दोस्तों, इतनी सी थी इस सफर की कहानी। दोस्तों उम्मीद करता हूं कि आपको मेरी लिखी हुई कहानियां पसंद आ रही होगी। दोस्तों पढ़ने के बाद कमेंट बॉक्स में यह लिखना मत बोलिएगा कि आपको यह कहानी कैसी लगी। साथ ही साथ इस कहानी को शेयर भी कीजिए ताकि आपके दोस्त एवं अन्य लोग भी यह कहानी पढ़ सके।
सधन्यवाद