Episode 4
श्याम घर के अंदर प्रवेश करता है ।उसकी मां उसके हाथ से तुरंत मछली की थैला लेती है और किचन में चली जाती है।
श्याम ब्रांडा में जाता है तो देखता है कि कुछ लोग सोफे पर बैठेकर चाय और बिस्कुट खा रहे हैं ।वे कुल चार थे। तीन लोग बड़े सोफे पर बैठे थे और एक व्यक्ति कुर्सी पर बैठा था ।और मेरे पिताजी भी वहीं बैठे थे ।
पिताजी ने मुझे देखा और कहा -"बहुत देर लगा दी, मार्केट से आने में।"
इससे पहले श्याम कुछ कह पाता ,तभी पिताजी कह बोलें- "यह मेरा छोटा बेटा श्याम है ।एग्रीकल्चर की पढ़ाई कर रहा है"।
तभी वहां बैठे एक व्यक्ति ने कहा -"अरे बैठे खड़े क्यों हो? आओ तुम भी बैठो!"
श्याम -"नहीं अंकल ,मुझे अपनी बड़ी दीदी के पास जाना है"।
और श्याम दीदी के कमरे में चला जाता है। श्याम कमरे के अंदर जाकर देखता है कि दीदी आईना के सामने बैठकर सज सवर रही है ।और उसी की दोस्त राधा उसकी मदद कर रही है ।
श्याम उत्साह पूर्वक दीदी से पूछता है -"क्या बात है दी, बहुत सजावट हो रही है। श्याम इतना ही कहता है कि दीदी बोल बैठती है -"देखो ना श्याम ,मुझे देखने रिश्तेदार वाले आए हैं।"
श्याम खुशी से कहता है -"अच्छा है ना ,अब तुम जाओगी मायके ।और उसके बाद मैं इस घर का इकलौता बेटा ,इस घर पर राज करूंगा ।"
यह कहकर श्याम शांत हो जाता है।
तभी दीदी कहती है-"हां.... हॅंस ले बेटे ,एक दिन तुम्हारे भी ब्याह होगा। तब हुकुम जताना।
श्याम कहता है -"अच्छा ठीक, तू तैयार हो, मैं मां के पास जाता हूं और श्याम मां के पास चला जाता है"।
मां क्या बना रही हो।
मां कहती है -"रिश्तेदार के लिए खाना बना रही हूं। खुद ही देख लो!"
श्याम बर्तन उलट कर देखने लगता है -चावल ,भुजिया, मछली ,पकवान इतने सारे ।
क्या मां! आज ही दीदी का शादी पक्का कर देना है क्या? मां कहती हैं -"हां बेटे, कोशिश तो यही है। परिवार अच्छा है, लड़का अमेरिका में रहता है और अच्छा कमाता भी है। हमारी बेटी खुश रहेगी उसके साथ"।
श्याम -"अच्छा ठीक है "।और मछली का एक सूखा फीस उठाता है और उसे खाने लगता है।
तभी पिताजी आ जाती हैं और कहते हैं -"और कितनी लेट है, जल्दी करो!"
मां कहती है -"बस हो गया"।
मां श्याम से कहती है- श्याम इसे लेकर डाइनिंग टेबल पर रख दो"।
श्याम खाना के प्लेट उठाता है और उसे डाइनिंग टेबल पर रख देता है।
कुछ देर बाद ..
सारे रिश्तेदार लड़की को देखते हैं और एक साथ मिलकर सभी खाना खाते हैं ।
उसके बाद वे सब यह कहकर चले जाते हैं कि कॉल करके बताऊंगा।
.... धन्यवाद ...!
पिताजी हाथ जोड़कर प्रणाम करते हैं और धन्यवाद कहते हैं।
उसके बाद श्याम मां की मदद करने लगता है।